हज़रत अल-यसअ अलैहिस्सलाम

नबी बनाया जाना

तारीख़ की किताबों में नक़ल किया गया है कि हज़रत अल-यसअ (अलै.)  हज़रत इलयास (अलै.)  के चचेरे भाई हैं और उनके नायब और ख़लीफ़ा भी थे वे उम्र की शुरूआत से ही हज़रत इलयास (अलै.) के साथ रहते थे और उनके इंतिक़ाल के बाद अल्लाह ने बनी इसराईल की रहनुमाई के लिए हज़रत अल यसअ (अलै.) को नबी बनाया और उन्होंने हज़रत इलयास (अलै.)  ही के तरीके पर बनी इसराईल की रहनुमाई की। 

क़ुरआन और हज़रत अल-यसअ (अलै.)

क़ुरआन में सिर्फ दो जगह हज़रत अल-यसअ (अलै.) का ज़िक्र आया है-

1. और इस्माईल और अल-यसअ और यूनुस और लूत और इन सबको हमने दुनिया वालों पर फज़ीलत अता फरमाई।’

2. और ज़िक्र करो इस्माईल और अल-यसअ और ज़ुल किफ़्ल का और उनमें से हर एक नेक इंसानों में से थे।’ [स्वाद : 48]

नसीहत

बनी इसराईल के कुछ नबी और पैगम्बर जलीलुल क़द्र नबियों की सोहबत और उनकी खुलूस के साथ पैरवी करने में खिलाफत के बाद नबूवत के मंसब पर बिठाए गए इससे यह ज़ाहिर होता है कि नेकों की सोहबत खैर (भलाई) के हासिल करने के लिए अचूक तरीका है –

यक ज़माना सोहबते बा – औलिया
बेहतर अज़ सद साला ताअत वे रिया।

To be continued …