हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम (भाग १)

हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम (भाग १)

Hazrat Isa Alaihi Salam Qasas ul Anbiya

हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम (भाग १): 1 क़ुरआन और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम, 2 हज़रत मरयम का ज़ुहद व तक़वा (संयम व ईश-भय), 3 हज़रत मसीह (अलै.) के हालात, 4 मुबारक हुलिया, 5 रसूल बनाए गए, 6 खुली निशानियां
7 क़ुरआन के किस्से, 8 तवज्जोह के काबिल बात और मोजज़ों की हक़ीक़त …

अस्हाबुल फ़ील (570 ई०)

अस्हाबुल फ़ील: 1 हब्शा और नजाशी, 2 अबरहा अल अशरम, 3 अस्हाबे फ़ील (हाथी वाले), 4 क़ुरआन और असहाबे फील, 5 वाक़िये की हक़ीक़त, 6 सबक और नसीहत …

अस्हाबुल उखदूद या क़ौमे तुब्बअ

अस्हाबुल उखदूद या क़ौमे तुब्बअ: 1 उखदूद, 2 कुरआन और अस्हाबे उखदूद, 3 वाक़िए की तफ्सील, 4 क़ौम तुब्बअ, 5 तुब्बअ की हक़ीक़त, 6 क़ुरआन और क़ौम तुब्बअ …

सबा और सैले इरम

सबा और सैले इरम, सबा और क़ौमें सबा, सबा और हुकूमत के तबक़े, सबा की इमारतें और उनका रहन-सहन, सद्दे मआरिब (मआरिब का बांध), अहले सबा और अल्लाह की नाफरमानी, सैले इरम, पहली सज़ा, दूसरी सज़ा, सैले इरम का फैलाव, सबा की मज़हबी हालत …

अस्हाबुल कहफ़ वर्रक़ीम

(क़हफ़ और रक़ीम वाले) कहफ़ और रक़ीम       डिक्शनरी में कहफ़ पहाड़ के भीतर लम्बे चौड़े ग़ार (खोह) को कहते हैं मगर रक़ीम के मानी में तफ़्सीर लिखने वाले एक नहीं हैं अलबत्ता कुबूल यही है कि यह शहर अंबात (बनू नाबित बिन इस्माईल जिनकी हुकूमत का ज़माना 700 ई०पू० से 106  ई०पू० … Read more

याजूज व माजूज

सद्द, कुरआन और सद्द, ज़ुलक़रनैन की सद्द (दीवार), दूसरी सद्दे, याजूज व माजूज का खुरूज, हज़रत मौलाना अनवर शाह साहब कश्मीरी (रह०) की तफ़्सीर, बुखारी और मुस्लिम की हदीसे, क्या ज़ुलक़रनैन नबी थे?, नतीजे, ‘बसाइर’ के हिस्से …

ज़ुलक़रनैन

तम्हीद       कुरआन मजीद में सूरः कहफ़ में एक ऐसे बादशाह का ज़िक्र किया गया है जिसका लक़ब ज़ुलक़रनैन है और जिसने मशरिक़ व मग़रिब (पूरब व पश्चिम तक फ़तहे की और फ़तह (जीत) के दौरान एक ऐसी जगह पर पहुंचे बसने वालों ने उनसे शिकायत की कि याजूज माजूज हमको सताते और … Read more

बैतुल मुक़द्दस और यहूद

(604 क़ब्ल मसीह से 561 क़ब्ल मसीह तक और 70 ई. से 18 हि. यानी 639 ई. तक)        तम्हीद- पिछले पन्नों में यह बात साफ़ की जा चुकी है कि कुरआन पिछली क़ौमों के तारीख़ी वाक़ियों यानी उनके रुश्द व हिदयत के क़बूल व इंकार और नेक व बद नतीजों के हालात … Read more

अस्हाबुर्रस्स

अस्हाबुर्रस्स: रस्स, कुरआन और अहाबुर्रस्स, सही बात, सबक़ और नसीहत …

अस्हाबे सब्त (सनीचर वाले)

सब्त और उसकी हुर्मत       हज़रत इब्राहीम (अलै.) ने अपनी उम्मत में अल्लाह की इबादत के लिए हफ्ते के सात दिनों में से जुमा का दिन मुक़र्रर फ़रमाया था। हज़रत मूसा (अलै.) को ज़माने में यहूदी बनी इसराईल ने अपनी रिवायती टेढ़ की बुनियाद पर हज़रत मूसा (अलै.) से यह इसरार किया कि … Read more